Saturday, October 12, 2024
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Types of Bath and Meals are to avoid or beneficial

भोजन के प्रकार

4 प्रकार के भोजन ना करने लिए बताया गया।

👉🏿1) #पहला भोजन- जिस भोजन की थाली को कोई लांघ कर गया हो वह भोजन की थाली नाले में पड़े कीचड़ के समान होती है।

👉🏿2) #दूसरा भोजन– जिस भोजन की थाली में ठोकर लग गई ,पाव लग गया वह भोजन की थाली भिष्टा के समान होता है।

👉🏿3) #तीसरे प्रकार का भोजन -जिस भोजन की थाली में बाल पड़ा हो, केश पड़ा हो वह दरिद्रता के समान होता है।

👉🏿4)#चौथे नंबर का भोजन -अगर पति और पत्नी एक ही थाली में भोजन कर रहे हो तो वह मदिरा के तुल्य होता है।

#विषेश सूचना —
बेटी अगर कुवारी हो और अपने पिता के साथ भोजन करती है एक ही थाली में ,, उस पिता की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती ,क्योंकि बेटी पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती है ।इसीलिए बेटी जब तक कुमारी रहे तो अपने पिता के साथ बैठकर भोजन करें। क्योंकि वह अपने पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती हैं।

स्नान कब ओर केसे करे घर की समृद्धि बढाना हमारे हाथमे है
सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है।

1 मुनि स्नान।
जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है।
2 देव स्नान।
जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता है।
3 मानव स्नान।
जो सुबह 6 से 8 के बिच किया जाता है।
4 राक्षसी स्नान।
जो सुबह 8 के बाद किया जाता है।

▶मुनि स्नान सर्वोत्तम है।
▶देव स्नान उत्तम है।
▶मानव स्नान समान्य है।
▶राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है।
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किसी भी मानव को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए।
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मुनि स्नान …….
👉🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विध्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है।
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देव स्नान ……
👉🏻 आप के जीवन में यश , किर्ती , धन वैभव,सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है।
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मानव स्नान…..
👉🏻काम में सफलता ,भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगल मय , प्रदान करता है।
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राक्षसी स्नान…..
👉🏻 दरिद्रता , हानि , कलेश ,धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है ।
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किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नही करना चाहिए।
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पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे। खास कर जो घर की स्त्री होती थी। चाहे वो स्त्री माँ के रूप में हो,पत्नी के रूप में हो,बेहन के रूप में हो।

घर के बडे बुजुर्ग यही समझाते सूरज के निकलने से पहले ही स्नान हो जाना चाहिए। ऐसा करने से धन ,वैभव लक्ष्मी, आप के घर में सदैव वास करती है।
उस समय…… एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा पारिवार पल जाता था , और आज मात्र पारिवार में चार सदस्य भी कमाते है तो भी पूरा नही होता।

उस की वजह हम खुद ही है । पुराने नियमो को तोड़ कर अपनी सुख सुविधा के लिए नए नियम बनाए है।
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प्रकृति ……का नियम है, जो भी उस के नियमो का पालन नही करता ,उस का दुष्टपरिणाम सब को मिलता है।
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इसलिए अपने जीवन में कुछ नियमो को अपनाये । ओर उन का पालन भी करे।

जीवन जीने के कुछ जरूरी नियम बनाये।
☝🏼 याद रखियेगा ! 👇🏽
संस्कार दिये बिना सुविधायें देना, पतन का कारण है। सुविधाएं अगर आप ने बच्चों को नहीं दिए तो हो सकता है वह थोड़ी देर के लिए रोए।  पर संस्कार नहीं दिए तो वे जिंदगी भर रोएंगे।
ऊपर जाने पर एक सवाल ये भी पूँछा जायेगा कि अपनी अँगुलियों के नाम बताओ ।
जवाब:-
अपने हाथ की छोटी उँगली से शुरू करें :-
(1)जल
(2) पथ्वी
(3)आकाश
(4)वायू
(5) अग्नि
ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी ।

5 जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है
1. श्मशान में
2. अर्थी के पीछे
3. शौक में
4. मन्दिर में
5. कथा में

सिर्फ 1 बार भेजो बहुत लोग इन पापो से बचेंगे ।।

  • अकेले हो? : परमात्मा को याद करो ।
  • परेशान हो? : ग्रँथ पढ़ो ।
  • उदास हो? : कथाए पढो ।
  • टेन्शन मे हो? : भगवत गीता पढो ।
  • फ्री हो? : अच्छी चीजे फोरवार्ड करो

क्या आप जानते हैं ?
हिन्दू ग्रंथ रामायण, गीता, आदि को सुनने,पढ़ने से कैन्सर नहीं होता है बल्कि कैन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है।

व्रत,उपवास करने से तेज़ बढ़ता है,सर दर्द और बाल गिरने से बचाव होता है ।
आरती—-के दौरान ताली बजाने से दिल मजबूत होता है ।

मेसेज सब नम्बरो को भेजे ।

श्रीमद भगवत गीता पुराण और रामायण ।

 

Image Credit:

Photo by Lior Shapira on Unsplash

Photo by Curology on Unsplash

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Rohitt Shah
Rohitt Shah
Vastu Acharya, Master Numerologist, Astro-Vastu and Lal Kitab Expert, iBazi Profile Charter.
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