Friday, March 29, 2024
HomeAstro Vaastuशनि साढ़ेसाती की हर मुसीबत और पीड़ा को रोकें

शनि साढ़ेसाती की हर मुसीबत और पीड़ा को रोकें

भगवान शनिदेव के टोटके,साढ़ेसाती की हर मुसीबत और पीड़ा को रोकें

हिंदू धर्म में कष्टों से मुक्ति पाने के लिए सूर्य पुत्र शनिदेव की पूजा की जाती है। यदि किसी की राशि में शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही हैं तो शनि को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। शास्त्रों में शनिदेव को भाग्य संवारने वाला माना गया है। शनि को शांत करने से मनुष्य जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

🕉🚩 बुद्धि प्राप्ति के लिए :-

शनिवार की रात में रक्त चंदन से अनार की कलम से ‘ऊं हृीं’ को भोजपत्र पर लिखकर नित्य पूजा करने से विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है। यह टोटका पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए सबसे फायदेमंद होता है।

🕉🚩 रुकावटें दूर करने के लिए :-

शनिवार को काले कुत्ते, काली गाय को रोटी और काली चिड़िया को दाना डालने से जीवन की रुकावटें दूर होती हैं। यह भी मान्यता है कि शनिवार को तेल से बने पदार्थ भिखारी को खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

🕉🚩 मनोकामना पूर्ति के लिए :-

किसी भी एक शनिवार को शाम के वक्त अपनी लंबाई के बराबर लाल रेशमी धागा नाप लें। अब इसे जल से धोकर आम के पत्ते पर लपेट दे। इस पत्ते और लपेटे हुए रेशमी धागे को अपनी मनोकामना का ध्यान करते हुए बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इससे मनोकामना पूर्ति होती है।

🕉🚩 साढ़े साती के संकट दूर करने के लिए :-

शनि की साढ़ेसाती और ढय्या या अन्य कोई शनि दोष हो तो प्रत्येक शनिवार को किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे दोनों हाथों से स्पर्श करें। स्पर्श करने के साथ पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें और ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’ का जप करें।

🕉🚩 परिस्थिति समाधान के लिए :-

शनि को मनाने के लिए हनुमान जी की पूजा करना भी अच्छा उपाय है। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त होते हैं। ऐसा करने से आप विपरीत परिस्थिति से आसानी से निकल आते हैं।

🕉🚩 नौकरीपेशा/बिजनेस के लिए :-

शनिवार को शाम (दिन छिपते) के समय पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाने से धन, वैभव और यश में वृद्धि होती है। नौकरीपेशा व्यक्ति की ऑफिस में स्थिति अच्छी होती है। वहीं बिजनेस में भी वृद्धि होती है।

🕉🚩 शनिदेव की कृपा :-

शनिवार के दिन किसी भी चीज के बुरे फल को दूर करने के लिए काली चीजों जैसे उड़द की दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने को किसी गरीब को दान देने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है।

🕉🚩 काम में सफलता :-

शनिवार के दिन काले कुत्तों को सरसों तेल लगी हुई रोटी देने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिदेव के प्रसन्न होने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है। शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और उस दिन होने वाले काम में सफलता मिलती है।

शनि की शुभता के लिए

1. दोनों समय भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें।
2. शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने को दें।
3. यदि शनि की अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा का सेवन न करें।
4. प्रतिदिन पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
5. घर के किसी अंधेरे भाग में किसी लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें।
6. शनि ढैया के शमन के लिए शुक्रवार की रात्रि में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रातः उन्हें पीसकर एवं गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले घोड़े को खिला दें। आठ शनिवार तक यह प्रयोग करें।
7. शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें। पहली रोटी उसे खिलाएं, सिंदूर का तिलक लगाएं, सींग में मौली (कलावा या रक्षासूत्र) बांधे और फिर मोतीचूर के लड्डू खिलाकर उसके चरण स्पर्श करें।
8. प्रत्येक शनिवार को वट और पीपल वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पूर्व कड़वे तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध एवं धूप अर्पित करें।
9. शनिवार को ही अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको मांझकर(मसलकर) माला की तरह गले में पहनें।
10. यदि शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं तो शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती लगाएं और वहीं बैठकर क्रमशः हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल की सात परिक्रमा करें।
Ssri Rohit Shah
Ssri Rohit Shah
Vastu Acharya, Master Numerologist, Astro-Vastu and Lal Kitab Expert, iBazi Profile Charter.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments